Bhu Aadhaar ULPIN: भारत सरकार ने इस बार बजट के दौरान बहुत सारी योजनाए शुरू की गयी जिनमें Bhu Aadhaar ULPIN भी योजना का एक हिस्सा है इसके लिए सरकार ने बजट के लिए इन्वेस्टमेंट भी कर दिया है सरकार के द्वारा शुरू की गयी यह योजना काफी अच्छी योजना है।
भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए बजट के दौरान काफी अच्छी-अच्छी योजनाए शुरू की गयी है। इन योजनाओं में नेचुरल फार्मिंग से लेकर डिजिटल सर्वे तक सभी शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा यह कहा गया की केंद्र सरकार, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि सुधारों समस्याओं को सुलझाने के लिए अब साथ मिलकर काम करेगी। इस योजना के दौरान अब आपकी जमीन का भी आधार कार्ड बनेगा, मतलब की आपकी जमीन को भी 14 अंकों का विशिष्ट नंबर पहचान संख्या दी जाएगी, जिसे की भू-आधार (ULPIN) कहा जाएगा।
Bhu Aadhaar ULPIN
केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी इस योजना से अब जमीनों के असली मालिक हक़ का स्पस्टीकरण होगा तथा जमीनों से सम्भदित विवाद अब ख़त्म होंगे। जिन विवादों को लेकर कोर्ट में केस चलते रहते है उन विवादों से अब निजात मिलेगी। इस बार बजट के दौरान Bhu Aadhaar ULPIN योजना को लाकर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (भू-आधार) और शहरी भूमि अभिलेख के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव रखा गया है। Bhu Aadhaar ULPIN में 14 अंको का भूमि का पहचान नंबर होगा जिससे की मालिकों के भूमि हक़ का क़ानूनी तौर पर पता चलेगा। तथा भूमि के उपर चल रहे विवादों का भी अंत होगा।
यह भी पढ़े- Probo App Kya Hai: Probo App se paise kaise kamaye? देखें डाउनलोड प्रोसेस
यह भी पढ़े- MGGS School Vacancy 2024: 15 जुलाई से आवेदन, जाने इंटरव्यू होगा या नहीं
इस योजना के तहत ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि संबंधी सुधार एवं कार्यवाही में भूमि प्रशासन, प्रबंधन एवं शहरी नियोजन, उपयोग, और भवन उपनियम शामिल किये जायेगे। इस योजना को 3 साल के भीतर किया जाना है जिसके लिए फण्ड भी रिलीज़ किये गए है। इस आर्टिकल के माध्यम हम आपको Bhu Aadhaar ULPIN के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है तो कृपया आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
Bhu Aadhaar ULPIN योजना अपडेट
केंद्रीय सरकार द्वारा शुरू की Bhu Aadhaar ULPIN योजना के तहत भूमि तथा भूखंडों को 14 अंको का विशिष्ट पहचान संख्या दी गयी है, जिसे की भू-आधार कहा जाता है। इस साल बजट के दौरान यह घोषित किया गया की 2027 तक शहरी भूमि अभिलेख का डिजिटलीकरण किया जावेगा। केंद्रीय सरकार, इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना को पूरा करने के लिए केंद्र राज्य साथ मिलकर कार्य करेंगे।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूमि से सम्भदित विवादों को कम करना या जड़ से मिटाना है, भूमि का उपयोग सही रूप से करना सुनिशित करना तथा भूमि मालिकों को अतिक्रमण से सुरक्षा प्रदान करना है इस कार्य को ग्रमीण क्षेत्रों में ही नहीं अपितु शहरी क्षेत्रों में भी भूमि प्रबंधन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है।
भू-आधार क्या है?
आपके आधार की तरह ही भू आधार है जिसमें भी 14 अंको का यूनिक नंबर अलॉट होगा जो की आपकी भूमि अथवा भूखंडो की एक पहचान होगा। इस योजना को डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (Digital India Land Records Modernization Program – DI-LRMP) के अनुसार भारत के प्रतेक भूमि भूखंड को जारी किया जाता है। जिसकी शुरुआत सन 2008 में की गयी थी।
भूमि रजिस्ट्रेशन दफ्तर और भू-आधार की नई पहल
केंद्रीय बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्पूर्ण घोषणा की जिनमें भू-आधार योजना भी शामिल है इस योजना में शहरी क्षेत्रों के भूमि रिकॉर्ड को जीआईएस मैपिंग तथा डिजिटलीकरण के माध्यम से आधुनिक बनाया जाएगा। तथा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के भू-प्रशासन, शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उप-के नियमों में चेंज करके उनको प्रभावी बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के भूमि अथवा भूखंडो को एक पहचान संख्या देकर ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर भूमि रजिस्ट्रेशन ऑफिस बनाये जायेगे। इस योजना को 3 साल के अंदर करने के लिए सरकार इसके लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
भू-आधार प्रक्रिया
भू-आधार (Bhu Aadhaar ULPIN) कैसे काम करता है, आपकी जानकारी के लिए देखें की इसका प्रोसेस क्या है।
- भू-आधार बनाने के लिए इसमें सबसे पहले जीपीएस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- इसके बाद आपके भूखंड अथवा भूमि की सटीक लोकेशन के लिए उसका जियोटैग किया जाता है।
- इसके उपरांत, आपके भूखंड की सीमाओं(वर्गज) का भौतिक सत्यापन तथा मापन किया जाता है।
- इसके बाद भूमि के मालिक का नाम, उपयोग श्रेणी, क्षेत्र आदि इनफार्मेशन जुटायी जाती है तथा इनको रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है।
- इसके बाद अंत में 14 अंकों की भू-आधार संख्या तैयार की जाती है, जो की डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ी हुई होती है।
भू-आधार के अंदर कौन-कौन सी जानकारी मिलती है?
आपकी जानकारी के लिए बता दे की Bhu Aadhaar ULPIN में, राज्य का कोड, जिला कोड, उप जिले का कोड, गांव का कोड तथा भूखंड से सम्भंदित 14 अंको का यूनिक आईडी संख्या जैसी जानकारी शामिल होती है। यह संख्या डिजिटल और भौतिक भूमि रिकॉर्ड डॉक्यूमेंट पर चिन्हित होती है।
भू-आधार के लाभ
भू-आधार(Bhu-Aadhaar-ULPIN) इस योजना से कई किसानों को अपनी जमीन के हकनामे के लिए केस लड़ रहे है उनके लिए इसमें फायदा है जो लोग अपनी जमीन को छोड़कर विदेश चले जाते है उनके लिए जमीनों से जुड़े विवादों को लेकर उलझना नहीं पड़ेगा। अब आपकी जमीन पर आपका हक़ डिजिटलीकरण हो जाने से उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर पायेगा। इस योजना से उन लोगों को राहत मिलेगी जो असुरक्षित महसूस करते है। इस योजना में आपकी जमीन, भूखंड का एक रिकॉर्ड जो की जमीन अथवा भूखंड के मालिक के नाम रहता है वह ऑनलाइन अथवा डिजिटली सुरक्षित रहता है। इस डिजिटल डॉक्यूमेंट से आपकी भूमि को ट्रैक किया जा सकता है। इस योजना से सरकार को सटीक भूमि संभंधित डेटा प्राप्त होता है। इस योजना के तहत भूमि की पहचान संख्या के साथ-साथ सर्वे, मैपिंग, मालिकाना हक तथा किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। जिससे भूमि से सम्बंधित विवादों में कमी आवेगी।
निष्कर्ष
भू-आधार योजना (Bhu Aadhaar ULPIN) एक ऐसी योजना है जिससे कोर्ट में चल रहे फ़र्ज़ी जमीनों के केसों से रहत मिलेगी। किसान अथवा जमीन का असली वारिस इस योजना के माध्यम से अपना हक़ ले पायेगा। जमीनों से सम्भंदित विवाद अब कम होंगे। यह योजना भूमि प्रशासन और प्रबंधन में पारदर्शिता तथा कुशलता लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, इससे किसान अपने आप सुरक्षित महसूस करेंगे।